चीन की ‘नापाक’ चाल
दुनिया को अपनी शक्ति का एहसास कराने के लिए चीन समय समय पर कोई ना कोई धमाका करता रहता रहता है... और एशिया महाद्वीप में अपना दबदबा कायम रखनो के लिए चीन ने तमाम सामरिक हथकंडे अपना लिए हैं... वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए यह लग सकता है कि आतंकवाद और पाकिस्तान भारत के लिए खतरे की घंटी हैं लेकिन आने वाले समय में चीन भारत के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है... चीन न केवल भारत से आर्थिक रूप से काफी मजबूत है बल्कि सामरिक रूप से भी काफी सबल है... हिंद महासागर में चीन की बढ़ती शक्ति इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है... चीन ने भारत को घेरने के लिए “मोंतियों की मला की नीती ” अपनायी है... जिसके तहत वह भारत के सभी पड़ोसी देशों से सामरिक संबंध कायम कर रहा है....अपनी इस योजना के लिए चीन ने इसकी शुरूआत भारत क पड़ोसी देश पाकिस्तान शुरू की ... चीन ने पाकिस्तान की नौसेना को मजबूत करने के लिए हर तरह की मदद की....इसी तरह से बांग्लादेश में नौसैनिक अड्डे का निर्माण किया...इतना ही नहीं चीन ने श्रीलंका में भी बंदरगाह निर्माण में रूचि दिखाई है....इस तरह से चीन अपनी मोतियों की माला की नीति को पूरा कर रहा है... चीन की इस चाल को भारत भी अच्छी तरह से समझ रह है.... इसलिए भारत ने भी अपनी सैन्य क्षमता को उन्नत करने के लिए रूस के साथ अमेरिका और पश्चिमी देशों से सैन्य समझौते किए हैं... लेकिन इन सबके इतर चीन भारत के खिलाफ अलग ही रणनीति बना रहा है... चीन ने भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत की पश्चिमी सीमा पर जैसलमेर से केवल 25-30 किलोमीटर दूर सैन्य अभ्यास शुरू किया है...जिससे अब राजस्थान के जैसलमेर से गुजरात के कच्छ के रण तक फैली 1100 किलोमीटर की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान और चीन से खतरा बढ़ता जा रहा है.... जैसलमेर के रामगढ़ के तनोट क्षेत्र से महज 25 किलोमीटर दूर सीमा पार पाकिस्तान और चीन की सेनाएं युद्धाभ्यास कर रही हैं.... लेकिन छिपा एजेंडा यह है कि सीमा के इस पार भारत के तेल और गैस का बीस फीसदी भंडार मौजूद है और कई विदेशी और देशी कंपनियां इस इलाके में तेल और गैस की खोज कर रही हैं पाकिस्तान सेना की निगाहें इसी भंडार पर हैं अब चीन की भी नीयत में खोट आ गई है ..... राजस्थान में जैसलमेर-बीकानेर जिलों से लगती सीमा के पास भारी तादाद में चीनी सेना और पाक रेंजर्स रेगिस्तानी इलाकों में युद्ध जीतने के गुर सीख रहे हैं.... यह अभ्यासस पाकिस्तान के रहिमियार खान इलाके के सेम नाला में चलाया गया.... इस जगह की सीमा जैसलमेर के तनोट-किशनगढ़ इलाके से लगती है.... अभ्यास में भाग लेने के लिए चीन की पूरी ब्रिगेड मौजूद है... इसमें चीन की पीपुल्सस लिबरेशन आर्मी की 101 इंजीनियरिंग रेजीमेंट और पाकिस्तान रेंजर्स के जवान भाग ले रहे हैं...
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पहले हुए सीमा करार के मुताबिक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ कंट्रोल) के 50-75 किलोमीटर के दायरे में अगर किसी भी तरह का संयुक्त युद्ध अभ्यास किया जाएगा, तो पहले इसकी जानकारी दूसरे मुल्क को देनी होगी... लेकिन चीन और पाकिस्तान दोनों ने भारत को बताने की जरूरत ही नहीं समझी.... हमारी सीमा से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर बेफिक्र होकर पाकिस्तान चीन से जंग जीतने की चाल समझ रहा है.. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर हमारी खुफिया एजेंसियां क्या कर रही थीं...जहां एक हफ्ते तक चीन की पिपुल्स लिब्रेशन आर्मी के आला अधिकारी पाकिस्तानी सेना को प्रशिक्षण दे रहे थे.... लेकिन हमारे रडार, सैटेलाइट या फिर सेना तक को इस बात की जानकारी नहीं है.... क्या चीन और पाकिस्तान गुप्त तरीके से ये युद्धअभ्यास कर रहे हैं या फिर यह हमारी कमजोरी है कि हम सीमा पार हो रही हलचल को पकड़ने में नाकाम हैं... खतरा सिर्फ यही नहीं है कश्मीर से सटी सीमा को छोड़ अब पाकिस्तान राजस्थान में भारी मात्रा में सेना तैनात कर रहा है.. चीन ने भी पाकिस्तान को भारत से सटी सीमा मजबूत करने में पूरी मदद देने का वादा किया है... खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन की ओर से पाकिस्तान को हर तरह की मदद मिल रही है... पाकिस्तान को भारत के पश्चिमी क्षेत्र से सटे इलाकों में ताकत बढ़ाने के लिए टैंक अपग्रेड टेक्नोलॉजी और मानवरहित विमान भी मुहैया करा रहा है यानी पाकिस्तान अब इन रेगिस्तानी इलाकों में ड्रोन उड़ाएगा, हमारी हर हलचल, सीमा पर हो रही हर हलचल की पाकिस्तान को खबर मिल जाएगी... साफ है भारत को अपनी सीमाओं को दुरुस्त करना होगा... अगर हम आनेवाले वक्त में सीमा पर ड्रोन तैनात करने की सोच रहे हैं, तो पाकिस्तान भी हमसे पीछे नहीं रहेगा...
पाकिस्तान चीन की बेहतरीन तकनीक से लैस हो रहा है... न तो उसे अंतर्राष्टीय कानूनों की परवाह है और न ही किसी समझौते की, इसलिए जरूरी है कि अब भारत भी अपने रुख में सख्ती लाए और इन हरकतों पर लगाम लगाए... पाकिस्तान और चीन उर्जा, प्रौद्योगिकी और ढाँचागत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाकर अपने गहरे सामरिक संबंधों को और मजबूत करने पर सहमत हुए हैं इसके साथ ही दोनों ने शुक्रवार को यहाँ 10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए...
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के बीच बातचीत के बाद आपसी रिश्तों को और मजबूती प्रदान करने पर सहमति बनी। पाकिस्तान के तीन दिन के दौरे पर यहाँ पहुँचे वेन ने कहा कि चीन ‘जटिल और अस्थिर अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय परिस्थितियों’ को देखते हुए पाकिस्तान के साथ अपनी रणनीतिक साझीदारी गहरी करना चाहता है। चीन ने पाकिस्तान की संप्रभुता, सुरक्षा और राजनीतिक एकता के लिए अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया और साथ ही पाकिस्तान के अंतरिक्ष कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने एवं रक्षा और आर्थिक सहयोग बढ़ाने का भी वादा किया...
दोनों देशों ने आर्थिक, उर्जा, बैंकिंग, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए 10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री सलमान बशीर ने कहा कि चीनी प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुल 24 अरब डॉलर मूल्य के समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि चीन ने पाकिस्तान की उर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे सहयोग करने की पेशकश की है। चीन इस साल आई बाढ़ से ध्वस्त हुए ढाँचे के पुनर्निमाण में पाकिस्तान को करीब 20 करोड़ डॉलर का अनुदान उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, चीन इस्लामाबाद और कराची में इंडस्ट्रियल एंड कामर्शियल बैंक ऑफ चाइना की दो शाखाएँ भी खोलेगा।
इस विषय पर रक्षा मंत्री ए के एंटोनी ने कहा कि भारत, चीन और पाकिस्तान के बढ़ते रक्षा संबंधों को गहरी चिंता के साथ देखता है... लेकिन इन हमें चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी क्षमताओं में वृद्धि करनी होगी.... यह हमारे लिए गहरी चिंता का मामला है. मुख्य बात है कि हमें अपनी क्षमता में वृद्धि करनी होगी.... केवल यही जवाब हो सकता है.... एंटनी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब चीन पाकिस्तान को 50 नये जेएफ 17 थंडर जेट विमान मुहैया कराने जा रहा है.... इस यह एक मल्टीरोल फाइटर जेट है इस विमान के सह उत्पादन के लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है..
एक तरफ जहां चीन बड़ी तेजी से अपनी अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रह है लेकिन भारत भी इस मामले में पीछे नहीं है... भारत ने सेना के तीनों अंगो को मजबूत करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है... भारत ने वायुसेना की ताकत बढ़ान के लिए 126 लड़ाकू विमानों का टेंडर निकाला है... जिसमें दुनिया भर की बड़ी कंपनियों ने भारत को विमान देने की पेशकश की... हालांकि रूस और अमेरिका इस दौड़ से बाहर हो गए हैं... क्योंकी उनके विमान भारतीय मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं.. अब इस दौड़ में युरोप की दो कंपनिया युरोफाइटर औऱ फ्रांस की राफेल ही बची हुई हैं...इसके साथ ही भारत ने अपने पहले स्वदेशी युद्धक विमान तेजस का सफल परीक्षण किया..भारत की समुद्री सीमाएं सुरक्षित रहें इस लिए भारत ने रूस के साथ मिलकर क्रिवाक श्रेणी के नौसैनिक विमान तैयार करने की योजना बनाई है... इस परियोजना के तहत रूस को युद्धपोतों की आपूर्ति भारत को 2011 से 2012 के बीच में करनी है। प्रत्येक युद्धपोत पर जहाजरोधी सुपर सोनिक आठ ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें लगानी हैं। क्रिवाक श्रेणी के युद्धपोत का वजन चार हजार मीटरिक टन है और यह 30 नॉट की गति से चल सकता है... बड़े जहाजों और पनडुब्बियों को नष्ट करने में सक्षम इस पोत को विशाल समुद्री अभियानों में तैनात किया जा सकता है... क्रिवाक श्रेणी के जहाजों में मारक क्षमता के लिहाज से इसका मुकाबला करने वाला दूसरा कोई युद्धपोत नहीं है..
दुनिया में चीन के बढ़ते हुए दबदबे को देखते हुए भारत के ये सुरक्षा इंतजाम बेहद जरूरी हो गए हैं... लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि भारत की ये रक्षा योजनाएं उसे पाकिस्तान से तो सुरक्षा प्रदान करती हैं लेकिन चीन की सैन्य क्षमता के आगे ये योजनाएं कितनी कारगर हैं.... जाहिर है जब हमारी सीमाएं सुरक्षित रहेंगी तभी देश की प्रगति में तरक्की और तेजी आएगी...और इसके लिए ये जरूरी है कि हम सामरिक रूप से मजबूत बने जो कि एक सफल भारत के लिए बेहद जरूरी है ।
चीन और पाक की बढ़ती नजदीकियां
- भारत को चारो तरफ से घेरने की पूरी तैयारी कर चुका है चीन
- पाकिस्तान को पूरी सैन्य मदद दे रहा है चीन
- दोनो देशों के बीच आर्थिक, उर्जा, बैंकिंग, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी को लेकर 10 अरब डॉलर का समझौता
- पाकिस्तान में आई बाढ़ में ध्वस्त हुए ढांचे के लिए 20 करोड़ डॉलर का अनुदान देगा चीन
- पाकिस्तान में बैंक ऑफ चाइना की दो शाखाएं खोलेगा चीन