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गुरुवार, 4 अगस्त 2011

तरक्की के 64 साल 





भारत की आजादी से पहले पंडित नेहरू ने कहा था कि .. जब सारी दुनिया नींद की गोद में सो रही होगी तब भारत अपनी आजादी का जश्न मना रहा होगा...
और हुआ भी यही.... हालांकि वह रात आजादी के जश्न के साथ बंटवारे का
ज़ख्म भी दे गई... और अगले दिन जब सूरज की किरणें धरती पर उतरीं तो
 भारत देश के ना जाने कितने ही शहीदों और आजादी के खेवनहारों के सपनो का भी सुर्योदय हुआ.... ब्रिटिश हुकूमत से मिली आजादी के बाद भारत एक नए युग का सूत्रपात करने के लिए तैयार था.... भारत की आजादी को लेकर हजारों पन्ने हैं... जो 1857 से लेकर 1947 तक एकाकार हैं...


 ब्रिटेन की साम्रज्यवादी सरकार से छुटकारा पाने के बाद देश के सामने सैकड़ों चुनौतिया थीं.. और भारत भी बड़े ही जोश के साथ इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार था....सबसे बड़ी समस्या थी रियासतों में बटें देश को एक साथ खड़ा करने की.... जिसका काम सरदार पटेल ने बखूबी किया...सारी
रियासतों का एकीकरण हो जाने के बाद भी गोआ का विलय नही हो पाया था....गोआ की मुक्ति के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला... अन्ततः19 दिसंबर, 1961 को भारतीय सेना ने यहाँ आक्रमण कर इस क्षेत्र को पुर्तगाली आधिपत्य से मुक्त करवाया और गोआ को भारत में शामिल कर लिया गया...रियासतों के एकीकरण के बाद भी देश में तमाम समस्यांए मुंह बाए
खड़ी थीं... खाद्यान की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री
लालबहादुर शास्त्री जी के नेतृत्व में हरित क्रांति की शुरूआत की गई....60 के दशक में भारत भंयकर सूखा पड़ा जिसके कारण देश में खाद्यान की समस्या
उत्पन्न हो  गई...लेकिन भारत ने इस समस्या से निपटने के लिए मेक्सिको से उन्नत श्रेणी के 1800 टन गेहूं के बीज आयात किए.....जिसके बाद भारत ने रिकार्ड मात्रा में गेहूं का उत्पादन किया....
अपनी शैशवास्था से तरुण हो रहे भारत को धीरे धीरे अपनी शक्ति का एहसास होने लगा.... और अपनी शक्ति को दोगुना करने के लिए 1974 में पहला
परमाणु परीक्षण किया....जिससे सारी दुनिया में तहलका मच गया... भारत ने सन् १८ मई, १९७४ में पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया.... उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया...

अपनी शैशवास्था से तरुण हो रहे भारत को धीरे धीरे अपनी शक्ति का एहसास होने लगा.... और अपनी शक्ति को दोगुना करने के लिए 1974 में पहला
परमाणु परीक्षण किया....जिससे सारी दुनिया में तहलका मच गया... भारत ने सन् १८ मई, १९७४ में पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया.... उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया...परमाणु कार्यक्रम के साथ ही देश में सूचना एवं प्रौद्योगिकी तथा रक्षा क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ सकें... इसके भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रमसारा भाई ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए..इसके लिए साराभाई  ने कृत्रिम उपग्रह  प्रक्षेपण वाहन की की आधारभूत संरचना एवं तकनीक का निर्माण प्रारम्भ कर दिया.... और इसके परीक्षण के  केरल की राजधानी   त्रिवेंद्रम के पास मछुआरों के एक गांव थुंबा से 21 नवंबर 1963 पहला राकेट प्रक्षेपित किया... इसकी सफलता के बाद थुंबा में अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीकी केंद्र की स्थापना की गई.... इसके बाद भारत ने पीछे
मुड़ कर नहीं देखा और 19 अप्रैल 1975 को अपने पहले  उपग्रह आर्यभट्ट को  अंतरिक्ष में सफलता पूर्वक  प्रक्षेपित कर दिया.. और आज यह सफलता बढ़ कर चंद्रयान तक पहुंच गई है....

प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए भारत ने आज हर क्षेत्र में तरक्की की है...और ये
दुनिया में भारत की बढ़ती हुई साख का आलम है कि आज भारत जी-8 देशों के समूह का प्रमुख सलाहकार है....हमारी आधी से अधिक आबादी युवा है... और हमारे देश के युवा दुनिया को पछाड़ने के लिए बेताब हैं... युरोपीय देशों और ब्रिटेन की कंपनियों की पहली पसंद भारतीय इंजीनियर्स हैं...भारत
 की
रक्षा  संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अमेरिका और युरोपीय देशों में
होड़ मची हुई है....बहुत अधिक समय पहले की बात नहीं है जब भारत दुनिया से
मदद की गुहार करता था... लेकिन आज समय बदल चुका है... आज भारत के हाथ दुनिया के हर कोने में मदद पहुंचा रहे हैं... चाहे वह युद्ध के बाद बर्बाद हो
चुका अफगानिस्तान हो .... सुनामी की चपेट में आया जापान हो...या फि
अफ्रीकी देश हों....बात केवल आर्थिक मदद की ही नहीं है... समुद्री लुटेरों से
त्रस्त हो चुके देश दुनिया के जहाज भारतीय मदद के आसरे बैठे हैं.... और
भारत ने भी इस समस्या से निजात दिलाने की पूरी कोशिश की है... हाल के
दिनों में भारतीय नौसेना ने सोमालियाई जलदस्युओं से बहुत से बंधक और जहजों को मुक्त कराया है...  

भारत की आजादी को और भारत की संप्रभुता को बचाए रखने में भारतीय सेना का अतुल्य योगदान है... भारतीय सेना ने देश की अस्मिता को बचाने के
लिए हर बार जान की बाजी लगा दी...   भारत की आजादी के एक वर्ष बाद ही भारत से अलग होकर बने देश पाकिस्तान ने 1948 में देश पर हमला कर दिया... भारतीय सेना ने भी इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया और दुश्मन सेना को उल्टे
पैर भागने  पर मजबूर कर दिया.... 1965 में पाकिस्तान ने फिर वही गलती
दुहरायी... और इस बार उसकी हालत पहले से  अधिक खराब हो गई... भारतीय सेना ने लाहौर तक घुस कर पाकिस्तानियों को खदेड़ दिया... और 1971 में हुए भारत पाक युद्ध में भी पाकिस्तान को शर्मसार होना पड़ा.. और उसके
 95000 सैनिकों ने जनरल नियाजी के नेतृत्व में भारतीय सेना के सामने
आत्मसमर्पण कर दिया.... इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकश्त तो मिली ही साथ  ही साथ उसके हाथ से पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) भी चला गया....
1999 में हुए कारनिल युद्ध में भी भारतीय सेना ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया .... अपने अदम्य साहस शौर्य और कर्तव्यनिष्ठा के
कारण  ही  भारतीय सेना आज भारतीय जनमानस की श्रद्धा का पात्र बन चुकी है...

 सुखे दुखे समेकृत्वा   की  भावना से जीने वाले भारतीय जनमानस ने 1947 से लेकर 2011 तक  कई उतार चढ़ाव देखे हैं... देश पर कोई विपत्ति आई हो या देश ने विकास के नए आयाम गढ़े हो हर परिस्थिति मे देश का हर नागरिक
 एक साथ खड़ा दिखा...फिल्म रंग दे बसंती में एक संवाद है ..
"कोई भी देश परफेक्ट नही होता उसे परफेक्ट बनाना पड़ता है...... असल में
यह केवल एक संवाद नहीं है... यह संवाद बताता है कि हमने  जो आजादी पाई उस आजादी के मायने क्या हैं... इस आजादी की कीमत क्या है...
आज देश में तमाम समस्याएं हैं... और इन समस्याओं का हल भी हमें ही
खोजना है... गरीबी से लेकर भ्रष्टाचार तक और आतंकवाद से लेकर भाषावाद और प्रांतवाद तक इन सारी समस्याओं को हमें ही सुलझाना है..और इस देश को परफेक्ट बनाना है... आईए एस 15 अगस्त हम सब मिल कर यह शपथ लें  कि हम अपने देश के प्रति पूर्ण रूप से इमानदार रहेंगे...और मित्रों यदि हम इस शपथ का पूरी ईमानदारी के साथ पालन करते हैं तो आने वाले वर्षों में
हम स्वयं ही बदलाव की बयार को महसूस करेंगें...प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए
भारत को एक बार फिर से विश्व गुरु का स्थान दिला देंगें....
जय हिंद जय भारत

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